Varanasi news:संकल्प दिवस के रूप में मनाया विश्वकर्मा पूजा पर्व

ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा ने शिवदासपुर स्थित जिला कैंप कार्यालय पर आयोजित किया कार्यक्रम

वाराणसी

ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा वाराणसी संगठन के तत्वावधान में शिवदासपुर स्थित जिला कैंप कार्यालय पर कोषाध्यक्ष कैलाशनाथ विश्वकर्मा के संयोजन में विश्वकर्मा पूजा पर्व धूमधाम और उल्लास के साथ हवन -पूजन के बीच वैदिक अनुष्ठानपूर्वक संपन्न हुआ।
इस अवसर पर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने संबोधित करते हुए कहा देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा सृजन के अधिष्ठाता तथा समाज के गौरव और स्वाभिमान के प्रतीक हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार कन्या संक्रांति (आज) के दिन भगवान विश्वकर्मा ने संपूर्ण सृष्टि की रचना की थी, इसलिए इस दिन को सृष्टि रचना दिवस के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान विश्वकर्मा की संततियों ने भेदभाव से परे सामाजिक समरसता की अवधारणा से श्रम के सिद्धांत का पालन करते हुए वंशानुगत कारीगरी व परंपरागत कला- कौशल से देश और समाज के विकास में महत्वपूर्ण और अग्रणी योगदान किया है। विश्वकर्मा पूजा का पर्व जन कल्याणकारी तथा सृजनात्मकता का प्रतीक है। समुचित संरक्षण के अभाव के चलते विश्वकर्मा वंशियों का अवशेष इतिहास विलुप्तप्राय हो गया है, जिसके चलते विश्वकर्मा वंशज अध्ययन- अध्यापन और प्राचीन इतिहास के ज्ञान से विमुख हो गए हैं। फलस्वरूप मौजूदा सामाजिक व्यवस्था में विश्वकर्मा वंशज साधारण श्रमजीवी कारीगर होकर रह गए हैं। भारतीय शिक्षा व्यवस्था की पाठ्य पुस्तकों में अनेक देवी-देवताओं, धर्म संस्थापकों, धर्माचार्यों और संत, महापुरुषों तथा राजनेताओं की जीवनी, कृतित्व एवं आदर्श चरित् पठन-पाठन में शामिल है, किंतु भगवान विश्वकर्मा के महत्व एवं जीवन- चरित् को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल न करके भगवान विश्वकर्मा के पौराणिक महत्व को मिटाने का षड्यंत्र किया गया‌। उन्होंने विश्वकर्मा पूजा पर्व के सार्वजनिक अवकाश तथा भगवान विश्वकर्मा के जीवन- चरित् को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग को लेकर संघर्ष करने का संकल्प किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से महासभा के प्रदेश अध्यक्ष चंदन विश्वकर्मा, प्रदेश महासचिव डॉक्टर प्रमोद कुमार विश्वकर्मा, जिला अध्यक्ष सुरेश कुमार विश्वकर्मा, कैलाश नाथ विश्वकर्मा, विजय नारायण विश्वकर्मा, प्रदीप कुमार विश्वकर्मा, भरत विश्वकर्मा, शंकर विश्वकर्मा, रविंद्र विश्वकर्मा, पप्पू विश्वकर्मा, प्रभु नारायण विश्वकर्मा, विजय कुमार विश्वकर्मा, प्रभु विश्वकर्मा, बच्चा विश्वकर्मा, राजू विश्वकर्मा, काजू विश्वकर्मा, मोहित विश्वकर्मा, वंश विश्वकर्मा, कार्तिक विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।