वाराणसी
आज डोमरी, रामनगर, वाराणसी स्थित आचार्य सीताराम चतुर्वेदी महिला महाविद्यालय तथा बाल विद्यालय माध्यमिक स्कूल के प्रांगण में संस्थापक आचार्य पं0 सीताराम चतुर्वेदी जी का 117वाँ जन्म जयन्ती कार्यक्रम बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
सर्वप्रथम कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो0 बलराज पाण्डेय, अवकाश प्राप्त आचार्य, हिन्दी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, सारस्वत अतिथि प्रो0 मंजीत चतुर्वेदी अवकाश प्राप्त आचार्य, समाजशास्त्र विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, मुख्य वक्ता प्रो0 अवधेश प्रधान, अवकाश प्राप्त आचार्य, हिन्दी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, विशिष्ट अतिथि डॉ0 गायत्री प्रसाद पाण्डेय अवकाश प्राप्त, अपर मुख्य अधिकारी, जौनपुर, प्रबन्धक डॉ0 जयशीला पाण्डेय, महाविद्यालय की निदेशिका प्रो0 कल्पलता पाण्डेय, पूर्व कुलपति, जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया, बाल विद्यालय डोमरी के निदेशक मुकुल पाण्डेय, मंजुल पाण्डेय द्वारा आचार्य सीताराम चतुर्वेदी जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
उपस्थित सभी आगत अतिथियों का अंग वस्त्र, स्मृति चिन्ह तथा पुष्पगुच्छ देकर बाल शिक्षा मण्डल काशी परिवार की तरफ से हार्दिक स्वागत किया गया। तत्पश्चात महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा कुलगीत एवं सरस्वती वन्दना प्रस्तुत किया गया। महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ0 अरूण कुमार दूबे ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत एवं परिचय प्रस्तुत किया। तदोपरान्त शुभम तिवारी ने आचार्य सीताराम चतुर्वेदी जी द्वारा स्थापित बाल शिक्षा मण्डल काशी के अन्तर्गत संचालित शैक्षणिक संस्थानों का वृत्तचित्र प्रस्तुत किया।
डॉ0 जी0 पी0 पाण्डेय विशिष्ट अतिथि द्वारा आचार्य जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला गया। डॉ0 पाण्डेय द्वारा ही महाविद्यालय का कुलगीत रचित है। प्रो0 मंजीत चतुर्वेदी जी ने भी आचार्य जी के बारे में अनेकों प्रसंग प्रस्तुत किया। प्रो0 बलराज पाण्डेय ने भी इस अवसर पर अपना वक्तव्य दिया। अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय की निदेशिका प्रो0 कल्पलता पाण्डेय, पूर्व कुलपति जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया ने आचार्य जी के 117वें जन्म जयन्ती के अवसर पर उपस्थित विद्वानों का हार्दिक अभिनन्दन एवं स्वागत किया।
बाल विद्यालय डोमरी तथा प्रहलादघाट के बच्चों द्वारा विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गये। मुख्य वक्ता प्रो0 अवधेश प्रधान जी ने आचार्य जी के बारे में बताते हुए कहाकि आचार्य जी ने महामना पं0 मदन मोहन मालवीय जी के सेवा में रहकर उनका स्नेह प्राप्त किया। आचार्य जी प्रख्यात नाटककार, शिक्षक, हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी, पाली, प्राकृत एवं साहित्य भाषा के मूर्धन्य विद्वान थे। आचार्य सीताराम चतुर्वेदी जी ने शिक्षा, साहित्य, दर्शन, इतिहास, योग, राजनीति आदि लगभग सभी क्षेत्रों में 250 ग्रन्थ एवं 70 नाटक, नाटिकाओं का लेखन व मंचन किया है। इनकी कृतियों में मालवीय जीवन चरित्र, अभिनव नाट्य शास्त्र, समीक्षा शास्त्र एवं कालिदास ग्रन्थावली प्रमुख हैं।
कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता राहुल चौधरी ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ0 पृथ्वीश नाग जी, पूर्व कुलपति महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी, प्रो0 श्रद्धानन्द जी, प्रो0 श्रीनिवास ओझा जी, प्रो0 शिवकुमार मिश्र जी, प्रो0 अरविन्द पाण्डेय जी, प्रो0 शशिकला जी, प्रो0 विनीता सिंह जी, श्री ओम प्रकाश सिंह जी, बाल विद्यालय, प्रहलादघाट एवं बाल विद्यालय, डोमरी की प्रधानाचार्या क्रमशः स्नेहलता पाण्डेय एवं नीता त्रिपाठी तथा बड़ी संख्या में शिक्षक, शिक्षिकाएं, छात्र/छात्राएँ, अभिभावक एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में आगत अतिथियों द्वारा परिसर में वृक्षारोपण एवं दीपोत्सव भी किया गया। स्नेहलता पाण्डेय ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।