Chandauli news:लोक सभा चुनाव निष्पक्ष कराने के लिये पुलिस और प्रशासन की तैयारी तेज डीएम व एसपी ने जनपद का भ्रमण करके बैनर पोस्टर उतरवाने किये शुरू।

चंदौली

आचार संहिता लागू होते ही चन्दौली पुलिस अलर्ट मोड पर

-लोक सभा चुनाव निष्पक्ष कराने के लिये पुलिस और प्रशासन की तैयारी तेज
-जनपद में सातवें और आखिरी चरण में एक जून को होना है मतदान
-आचार संहिता का अक्षरश: पालन कराने को सड़क पर उतरे अफसर
-डीएम व एसपी ने जनपद का भ्रमण करके बैनर पोस्टर उतरवाने किये शुरू
-चुनाव निष्पक्ष कराने के लिए चन्दौली पुलिस व प्रशासन ने कमर कस ली है
-रूटमार्च करके जनता से निष्पक्ष एवं निर्भय होकर मतदान करने का दिया संदेश
-डीएम निखिल टी0 फुंडे व एसपी डॉ अनिल कुमार हर स्थिति पर बनाए हैं नजर
-प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार सामग्री बैनर पोस्टर आदि को हटाने की कवायद शुरू
-पूरे जनपद में अभियान चलाकर 72 घंटे के अंदर प्रचार सामग्री हटाने को कहा
-सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस ने गड़ा रखी हैं अपनी पैनी नजरें
-अफवाह और भ्रामक सूचना देने वालों पर की जाएगी कड़ी कारवाई
-भारी पुलिस बल के साथ किया डीएम और एसपी ने किया पैदल गश्त

चन्दौली: भारत निर्वाचन आयोग की ओर से लोकसभा चुनाव के लिए शनिवार को तिथियों की घोषणा कर दी गई है। चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई है। जनपद में मतदान आखिरी यानी सातवें चरण में एक जून को होना है। आचार संहिता लागू होते ही प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया। जिला निर्वाचन अधिकारी निखिल टी फुंडे व एसपी डा. अनिल कुमार अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम और पुलिस बल के साथ सड़क पर उतरे। सड़कों व सार्वजनिक स्थानों पर लगे बैनर-पोस्टर और चुनाव प्रचार सामग्री हटवाने के निर्देश दिये।

एसपी और डीएम ने अन्य अधिकारियों के साथ पैदल गश्त के साथ ही सभी से निष्पक्ष होकर बढ़चढ़कर मतदान करने की अपील की है। पुलिस अधीक्षक डा. अनिल कुमार ने कहा आप निडर होकर मतदान करने निकलें बाकी सुरक्षा और जिम्मेदारी के लिये पुलिस और प्रशासन तैयार बैठा है।निखिल टी0 फुंडे डीएम चन्दौली व डॉ अनिल कुमार पुलिस अधीक्षक चन्दौली ने रूट मार्च के दौरान लोगों से रुक रुक कर बातचीत की और उन्हें पूरी तरह से सुरक्षा का भरोसा दिलाया। एसपी ने कहा कि मतदान के लिए जिले में पर्याप्त पुलिस बल तैनात है।

जिला निर्वाचन अधिकारी निखिल टी फुंडे ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव की तिथियों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। एमसीसी प्रोटोकाल के मुताबिक राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार की सामग्री बैनर, पोस्टर आदि को हटाने की कवायद शुरू कर दी गई है। बताया कि पूरे जनपद में अभियान चलाकर 72 घंटे के अंदर प्रचार सामग्री हटा दी जाएगी। इसके लिए ब्लाक व तहसील के कर्मचारी, ब्लाक स्तरीय अधिकारी व तहसील स्तरीय अधिकारी, सीओ और एसओ लगातार अभियान चला रहे हैं। उन्होंने जनपदवासियों से भी अपील किया कि यदि किसी ने अपने घर अथवा दफ्तर आदि में किसी राजनीतिक दल या प्रत्याशी का बैनर, पोस्टर अथवा प्रचार सामग्री लगाया है तो उसे उतारकर सुरक्षित रख दें। प्रत्याशी व राजनीतिक दल अनुमति लेकर प्रचार सामग्री लगा सकते हैं।

पुलिस अधीक्षक चन्दौली डॉ अनिल कुमार ने कहा कि जो व्यक्ति चुनाव में गड़बड़ी करते हैं उनकी पूरी सूची पुलिस के पास है और उन्हें चुनाव से पहले ही गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। उन्होंने लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं को भरोसा दिया कि पुलिस बल उनकी सुरक्षा के लिए है। वह निर्भय होकर मतदान करें। उनके मताधिकार को प्रभावित करने वालों पर सख्त से सख्त कारवाई की तैयारी है। किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। आप भी पुलिस को सूचना दे सकते हैं।

आचार संहिता के बाद यह हो जाते हैं बदलाव
-आचार संहिता लगने के बाद किसी भी तरह की सरकारी घोषणाएं, योजनाओं की घोषणा, परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन के कार्यक्रम नहीं किया जा सकता।
-सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है।
-किसी भी पार्टी, प्रत्याशी या समर्थकों को रैली या जुलूस निकालने या चुनावी सभा करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी।
-कोई भी राजनीतिक दल जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं से वोट नहीं मांग सकता न ही वह ऐसी किसी गतिविधि में शामिल हो सकता है जिससे धर्म या जाति के आधार पर मतभेद या तनाव पैदा हो।
-राजनीतिक दलों की आलोचना के दौरान उनकी नीतियों, कार्यक्रम, पूर्व रिकार्ड और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए।
-अनुमति के बिना किसी की ज़मीन, घर, परिसर की दीवारों पर पार्टी के झंडे, बैनर आदि नहीं लगाए जा सकते हैं।
-मतदान के दिन शराब की दुकानें बंद रहती हैं, वोटरों को शराब या पैसे बाँटने पर भी मनाही होती है।
-मतदान के दौरान ये सुनिश्चित करना होता है कि मतदान बूथों के पास राजनीतिक दल और उम्मीदवारों के शिविर में भीड़ इकट्ठा न हों।
-शिविर साधारण हों और वहां किसी भी तरह की प्रचार सामग्री मौजूद न हो. कोई भी खाद्य सामग्री नहीं परोसी जाए।
-सभी दल और उम्मीदवार ऐसी सभी गतिविधियों से परहेज करें जो चुनावी आचार संहिता के तहत ‘भ्रष्ट आचरण’ और अपराध की श्रेणी में आते हैं- जैसे मतदाताओं को पैसे देना, मतदाताओं को डराना-धमकाना, फ़र्ज़ी वोट डलवाना, मतदान केंद्रों से 100 मीटर के दायरे में प्रचार करना, मतदान से पहले प्रचार बंद हो जाने के बाद भी प्रचार करना और मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक ले जाने और वापस लाने के लिए वाहन उपलब्ध कराना।
-राजनीतिक कार्यक्रमों पर नज़र रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक या ऑब्ज़रवर नियुक्त करता है।
-आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव आयोग की इजाज़त के बिना किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला नहीं किया जा सकता है।