पड़ाव/चंदौली
क्षेत्र के गांवो मे ( जिवित्पुत्रिका ) जितिया पूजन बड़े ही धूमधाम से हर्सोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ । विदित हो कि आश्विन मास कृष्ण पक्ष अष्टमी के दिन प्रदोष काल में यह पूजन किया जाता है ।लगभग 36 घंटे का यह निर्जला व्रत महिलाएं अपने पुत्र की लंबी आयु के लिए रखती हैं 24 सितम्बर मंगलवार की शाम नहाय खाय के बाद 26 सितम्बर गुरुवार के दिन सुबह पूजा पाठ करने के पश्चात महिलाएं भोजन करेंगी । जबकि बुद्धवार के दिन प्रदोष काल में शाम के बेला मंदिर परिसर और नदी किनारे पर महिलाएं इकट्ठा होकर पूजन पाठन करने के पश्चात परंपराओं के अनुसार कम से कम पांच व सात या उससे ज्यादा कहानी सुनी और सुनाई जाने के पश्चात पूजा सम्पन्न हुई।इस दौरान माताएं अपने पुत्र और वधू नव विवाहित जोड़े को उक्त पूजा में सम्मिलित कर उनके जीवन को खुशियो भरा होने के लिए मां जीवित्पुत्रिका से मन्नते मागती है जिसे क्षेत्र मे दाल भराई कहा जाता है इस दौरान अपने सामर्थ्य के अनुसार लोग बाजे गाजे के साथ उक्त पूजा में सम्मिलित होते हैं ।