जाति आधारित राजनैतिक व्यवस्था भारतीय समाज का काला सच
वाराणसी

ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने आज यहां जारी विज्ञप्ति में जातीय ध्रुवीकरण वाली राजनैतिक व सामाजिक व्यवस्था पर प्रहार करते हुए कहा है किआदि काल से मौजूदा समय में भी ‘जाति’ आधारित राजनैतिक और सामाजिक व्यवस्था भारतीय समाज का विद्रूप सच है। जातीय समीकरण वाली राजनैतिक व्यवस्था में असंगठित और अल्पसंख्यक हिन्दू जातियों को सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। सत्ता और राजनैतिक दलों की दलाली करने वाले पिछड़े समाज के नेता यह भूल गए हैं कि उनका वजूद खुद से नहीं, बल्कि जाति के नाम पर और जाति से है। निहित स्वार्थ लाभ में यह इतने अंधे हो चुके हैं कि समाज हित को भूलकर सिर्फ स्वार्थ और पार्टी हित के लिए काम कर रहे हैं, तथा समाज को गुमराह, भ्रमित और विभाजित करके कमजोर कर रहे हैं, जबकि उनका सामाजिक और राजनैतिक वजूद खुद से नहीं बल्कि जाति के नाम पर और जाति से ही है। पार्टियां उनका प्रतीक के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं, बदले में सत्ता और व्यवस्था में बैठे मनुवादी मानसिकता के लोग भागीदारी के सवाल पर ठेंगा दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा ऐसे में समाज का दायित्व है कि जाति के नाम पर राजनीति कर रहे अपने प्रतिनिधियों से सत्ता में भागीदारी और व्यवस्था में हिस्सेदारी को लेकर सवाल पूछे और जवाब मांगे। आश्वासन जीवियो का पूर्णतः वहिष्कार करें। वर्ना ये समाज के अस्तित्व का सौदा करते रहेंगे।