वाराणसी
शक्ति आराधना पर्व की पूर्णाहुति के अवसर पर सदगुरू धाम आश्रम संकट मोचन आंजनेय मंदिर डोमरी स्थित मां गंगा के तट पर, गौरी क्षेत्र में समय के सदगुरू स्वामी कृष्णा नंदजी महाराज ने नवरात्र के आठवे दिन रविवार को अपने आशीर्वचन में संदेश दिया कि एक गुरु और गोविंद ही हमसे सच्चा प्रेम करते हैं। बाकी संसार के सारे रिश्तों के प्रेम लेन देन के हैं। कितना ही आप उनसे प्रेम करेंगे, एक दिन आप उनसे नकारात्मक, निराशात्मक उत्तर पाएंगे। लेकिन आप परमात्मा से, गुरु से, गोविंद से प्रेम करें या न करें, वह निसंदेह आपसे प्रेम करते हैं और सदैव आपके भले की कामना करते हैं।
आज लोग संप्रदायवादी, कट्टरवादी, रूढ़िवादी, परंपरावादी हो गए हैं। समय के सदगुरू की शरण में जाकर परमात्मा को नहीं जानना चाहते हैं। यह हर समय होता है। हमारे सारे संबंध भौतिकता से जुड़े हैं। भौतिकता के लेन देन से हम किसी का प्रेम नहीं खरीद सकते। इसलिए सब दुखी हैं। नानक दुखिया सब संसार। सदगुरू की शरण में ही इस दुःख से मुक्ति मिलती है।
प्रतिदिन गंगा स्नान, देवपूजन, हवन, शिव कीर्तन, परमात्मा को प्राप्त कराने वाली दुर्लभ साधनाओं…कुंडलिनी साधना, स्वर साधना, खेचरी साधना, अनहद साधना, सहज योग, दिव्य गुप्त विज्ञान, ब्रह्म दीक्षा आदि में भाग लेकर देश विदेश से आए सैंकड़ों श्रद्धालु इस अवसर पर लाभान्वित हुए। सभी कार्यक्रम समापन के बाद भंडारा का आयोजन किया गया सभी भक्तगणों ने प्रसाद ग्रहण किया । इस सम्पूर्ण कार्यक्रम के आयोजक हैं सद्विप्र समाज सेवा और सदगुरू कबीर सेना उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ता कुणाल स्वामी, महात्मा सौरभ , महात्मा राकेश जी, डॉक्टर मृत्युंजय जी, भुवनेश्वर चौरसिया जी, अनिमा जी, संध्या दुबे , गोपाल महात्मा ज्ञानेश्वर अमित विजय वास्तव इत्यादि रहे ।